हाउसिंग लोन देने से पहले बैंक खरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी की टाइटल सर्च, मालिकाना हक और अन्य जरूरी अनुमतियों की जांच करता है। साथ ही प्रॉपर्टी की अनुमानित कीमत के बारे में बैंक अप्रूव्ड वैल्यूअर से रिपोर्ट तैयार कराता है। इन सभी औपचारिकताओं को पूरा कर बैंक किसी बिल्डर के पूरे प्रोजेक्ट को प्री अप्रूव्ड कर देता है। ऐसी प्रॉपर्टी को खरीदने की तैयारी कर रहे लोगों के लिए यह फायदेमंद है क्योंकि इन अप्रूव्ड प्रॉपर्टी पर अप्रूव करने वाला बैंक आसानी से लोन स्वीकृत कर देता है। ऐसे में खरीदार को होम लोन लेने के लिए इन सभी अनुमतियों के साथ घर ढूंढने में समय नहीं गंवाना पड़ता।